सामासिक
पदों की सूची
तत्पुरुष समास (कर्मतत्पुरुष)
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
गगनचुम्बी
|
गगन (को) चूमनेवाला
|
पाकिटमार
|
पाकिट (को) मारनेवाला
|
चिड़ीमार
|
चिड़ियों (को) मारनेवाला
|
गृहागत
|
गृह को आगत
|
कठखोदवा
|
काठ (को) खोदनेवाला
|
गिरहकट
|
गिरह (को) काटनेवाला
|
मुँहतोड़
|
मुँह (को) तोड़नेवाला
|
स्वर्गप्राप्त
|
स्वर्ग को प्राप्त
|
अनुभव जन्य
|
अनुभव से जन्य
|
आपबीती
|
आप पर बीती (सप्तमी तत्पुरुष)
|
उद्योगपति
|
उद्योग का पति (मालिक)
|
गुणहीन
|
गुणों से हीन
|
घुड़दौड़
|
घोड़ों की दौड़
|
जन्मांध
|
जन्म से अंधा
|
देशाटन
|
देश में अटन (भ्रमण)
|
दानवीर
|
दान में वीर
|
देशवासी
|
देश का वासी
|
अमृतधारा
|
अमृत की धारा
|
अछूतोद्धार
|
अछूतों का उद्धार
|
आत्मविश्वास
|
आत्मा पर विश्वास
|
ऋषिकन्या
|
ऋषि की कन्या
|
कष्टसाध्य
|
कष्ट से होने वाला
|
हरघड़ी
|
घड़ी-घड़ी या प्रत्येक घड़ी
|
गुरुदक्षिणा
|
गुरु के लिए दक्षिणा
|
गृहप्रवेश
|
गृह में प्रवेश
|
गोबर गणेश
|
गोबर से बना गणेश
|
दहीबड़ा
|
दही में डूबा हुआ बड़ा
|
अकाल पीड़ित
|
अकाल से पीड़ित
|
गोशाला
|
गौओं के लिए शाला
|
गंगाजल
|
गंगा का जल
|
घुड़सवार
|
घोड़े पर सवार
|
जीवनसाथी
|
जीवन का साथी
|
जलधारा
|
जल की धारा
|
देशभक्ति
|
देश की भक्ति
|
पूँजीपति
|
पूँजी का पति
|
भयभीत
|
भय से भीत (डरा)
|
हस्तलिखित
|
हाथ से लिखित
|
पथभ्रष्ट
|
पथ से भ्रष्ट
|
देशभक्त
|
देश का भक्त
|
चरित्रचित्रण
|
चरित्र का चित्रण
|
दानवीर
|
दान देने में वीर (सप्तमी तत्पुरुष)
|
युधिष्ठिर
|
युद्ध में स्थिर
|
पर्णशाला
|
पर्णनिर्मित शाला
|
पुरुषोत्तम
|
पुरुषों में उत्तम
|
नराधम
|
नरों में अधम
|
नेत्रहीन
|
नेत्र से हीन
|
राहखर्च
|
राह के लिए खर्च
|
शरणागत
|
शरण में आगत
|
विद्यासागर
|
विद्या का सागर
|
आकशवाणी
|
आकाश से वाणी
|
आनन्दाश्रम
|
आनन्द का आश्रम
|
आकशवाणी
|
आकाश से वाणी
|
कर्महीन
|
कर्म से हीन (पंचमी तत्पुरुष)
|
कर्मनिरत
|
कर्म से निरत (सप्तमी तत्पुरुष)
|
कविश्रेष्ठ
|
कवियों से श्रेष्ठ
|
कुम्भकार
|
कुम्भ को करने (बनाने)वाला (उपपद
तत्पुरुष)
|
काव्यकार
|
काव्य की रचना करनेवाला (उपपद
तत्पुरुष)
|
कृषिप्रधान
|
कृषि में प्रधान(सप्तमी तत्पुरुष)
|
क्षत्रियाधम
|
क्षत्रियों में अधम(सप्तमी तत्पुरुष)
|
कृष्णार्पण
|
कृष्ण के लिए अर्पण (चतुर्थी
तत्पुरुष)
|
ग्रामोद्धार
|
ग्राम का उद्धार (ष० तत्पुरुष)
|
गिरहकट
|
गिरह को काटनेवाला (द्वि तत्पुरुष)
|
गृहस्थ
|
गृह में स्थित (उपपद तत्पुरुष)
|
चन्द्रोदय
|
चन्द्र का उदय (ष० तत्पुरुष)
|
जीवनमुक्त
|
जीवन से मुक्त (ष० तत्पुरुष)
|
ठाकुरसुहाती
|
ठाकुर (मालिक) के लिए रुचिकर बातें
|
तिलचट्टा
|
तिल को चाटनेवाला
|
दयासागर
|
दया का सागर
|
दुखसंतप्त
|
दुःख से संतप्त
|
देशगत
|
देश को गया हुआ
|
धनहीन
|
धन से हीन
|
धर्मविमुख
|
धर्म से विमुख
|
नरोत्तम
|
नरों में उत्तम
|
पददलित
|
पद से दलित
|
पदच्युत
|
पद से च्युत
|
परीक्षोपयोगी
|
परीक्षा के लिए उपयोगी
|
पादप
|
पैर से पीनेवाला (उपपद तत्पुरुष)
|
पुत्रशोक
|
पुत्र के लिए शोक
|
पुस्तकालय
|
पुस्तक के लिए आलय
|
मनमौजी
|
मन से मौजी
|
मनगढ़न्त
|
मन से गढ़ा हुआ (तृ० तत्पुरुष)
|
मदमाता
|
मद से माता (तृ० तत्पुरुष)
|
मालगोदाम
|
माल के लिए गोदाम
|
रसोईघर
|
रसोई के लिए घर
|
रामायण
|
राम का अयन (ष० तत्पुरुष)
|
राजकन्या
|
राजा की कन्या (ष० तत्पुरुष)
|
विद्यार्थी
|
विद्या का अर्थी (ष० तत्पुरुष)
|
करणतत्पुरुष
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
प्रेमासिक्त
|
प्रेम से सिक्त
|
जलसिक्त
|
जल से सिक्त
|
रसभरा
|
रस से भरा
|
मदमाता
|
मद से माता
|
मेघाच्छत्र
|
मेघ से आच्छत्र
|
रोगपीड़ित
|
रोग से पीड़ित
|
रोगग्रस्त
|
रोग से ग्रस्त
|
मुँहमाँगा
|
मुँह से माँगा
|
दुःखार्त
|
दुःख से आर्त
|
मदान्ध
|
मद से अन्ध
|
देहचोर
|
देह से चोर
|
पददलित
|
पद से दलित
|
तुलसीकृत
|
तुलसी द्वारा कृत
|
दुःखसन्तप्त
|
दुःख से सन्तप्त
|
शोकाकुल
|
शोक से आकुल
|
करुणापूर्ण
|
करुणा से पूर्ण
|
अकालपीड़ित
|
अकाल से पीड़ित
|
शोकग्रस्त
|
शोक से ग्रस्त
|
शोकार्त
|
शोक से आर्त
|
श्रमजीवी
|
श्रम से जीनेवाला
|
कामचोर
|
काम से चोर
|
मुँहचोर
|
मुँह से चोर
|
सम्प्रदान तत्पुरुष
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
शिवार्पण
|
शिव के लिए अर्पण
|
रसोईघर
|
रसोई के लिए घर
|
सभाभवन
|
सभा के लिए भवन
|
लोकहितकारी
|
लोक के लिए हितकारी
|
मार्गव्यय
|
मार्ग के लिए व्यय
|
स्नानघर
|
स्नान के लिए घर
|
मालगोदाम
|
माल के लिए गोदाम
|
डाकमहसूल
|
डाक के लिए महसूल
|
साधुदक्षिणा
|
साधु के लिए दक्षिणा
|
देशभक्ति
|
देश के लिए भक्ति
|
पुत्रशोक
|
पुत्र के लिए शोक
|
ब्राह्मणदेय
|
ब्राह्मण के लिए देय
|
राहखर्च
|
राह के लिए खर्च
|
गोशाला
|
गो के लिए शाला
|
देवालय
|
देव के लिए आलय
|
विधानसभा
|
विधान के लिए सभा
|
परीक्षा भवन
|
परीक्षा के लिए भवन
|
रसोईघर
|
रसोई के लिए घर
|
अपादान तत्पुरुष
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
बलहीन
|
बल से हीन
|
धनहीन
|
धन से हीन
|
पदभ्रष्ट
|
पद से भ्रष्ट
|
स्थानभ्रष्ट
|
स्थान से भ्रष्ट
|
मायारिक्त
|
माया से रिक्त
|
पापमुक्त
|
पाप से मुक्त
|
ऋणमुक्त
|
ऋण से मुक्त
|
ईश्र्वरविमुख
|
ईश्र्वर से विमुख
|
स्थानच्युत
|
स्थान से च्युत
|
लोकोत्तर
|
लोक से उत्तर (परे)
|
नेत्रहीन
|
नेत्र से हीन
|
शक्तिहीन
|
शक्ति से हीन
|
पथभ्रष्ट
|
पथ से भ्रष्ट
|
जलरिक्त
|
जल से रिक्त
|
प्रेमरिक्त
|
प्रेम से रिक्त
|
व्ययमुक्त
|
व्यय से मुक्त
|
धर्मविमुख
|
धर्म से विमुख
|
पदच्युत
|
पद से च्युत
|
धर्मच्युत
|
धर्म से च्युत
|
मरणोत्तर
|
मरण से उत्तर
|
देश निकाला
|
देश से निकाला
|
जन्मांध
|
जन्म से अंधा
|
सम्बन्ध तत्पुरुष
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
अत्रदान
|
अत्र का दान
|
श्रमदान
|
श्रम का दान
|
वीरकन्या
|
वीर की कन्या
|
त्रिपुरारि
|
त्रिपुर का अरि
|
राजभवन
|
राजा का भवन
|
प्रेमोपासक
|
प्रेम का उपासक
|
आनन्दाश्रम
|
आनन्द का आश्रम
|
देवालय
|
देव का आलय
|
रामायण
|
राम का अयन
|
खरारि
|
खर का अरि
|
गंगाजल
|
गंगा का जल
|
रामोपासक
|
राम का उपासक
|
चन्द्रोदय
|
चन्द्र का उदय
|
देशसेवा
|
देश की सेवा
|
चरित्रचित्रण
|
चरित्र का चित्रण
|
राजगृह
|
राजा का गृह
|
अमरस
|
आम का रस
|
राजदरबार
|
राजा का दरबार
|
सभापति
|
सभा का पति
|
विद्यासागर
|
विद्या का सागर
|
गुरुसेवा
|
गुरु की सेवा
|
सेनानायक
|
सेना का नायक
|
ग्रामोद्धार
|
ग्राम का उद्धार
|
मृगछौना
|
मृग का छौना
|
राजपुत्र
|
राजा का पुत्र
|
पुस्तकालय
|
पुस्तक का आलय
|
राष्ट्रपति
|
राष्ट्र का पति
|
हिमालय
|
हिम का आलय
|
घुड़दौड़
|
घोड़ों की दौड़
|
सेनानायक
|
सेना के नायक
|
यथाशक्ति
|
शक्ति के अनुसार
|
राजपुरुष
|
राजा का पुरुष
|
राजमंत्री
|
राजा का मंत्री
|
अधिकरण तत्पुरुष
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
पुरुषोत्तम
|
पुरुषों में उत्तम
|
पुरुषसिंह
|
पुरुषों में सिंह
|
ग्रामवास
|
ग्राम में वास
|
शास्त्रप्रवीण
|
शास्त्रों में प्रवीण
|
आत्मनिर्भर
|
आत्म पर निर्भर
|
क्षत्रियाधम
|
क्षत्रियों में अधम
|
शरणागत
|
शरण में आगत
|
हरफनमौला
|
हर फन में मौला
|
मुनिश्रेष्ठ
|
मुनियों में श्रेष्ठ
|
नरोत्तम
|
नरों में उत्तम
|
ध्यानमग्न
|
ध्यान में मग्न
|
कविश्रेष्ठ
|
कवियों में श्रेष्ठ
|
दानवीर
|
दान में वीर
|
गृहप्रवेश
|
गृह में प्रवेश
|
नराधम
|
नरों में अधम
|
सर्वोत्तम
|
सर्व में उत्तम
|
रणशूर
|
रण में शूर
|
आनन्दमग्न
|
आनन्द में मग्न
|
आपबीती
|
आप पर बीती
|
कर्मधारय समास
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
नवयुवक
|
नव युवक
|
छुटभैये
|
छोटे भैये
|
कापुरुष
|
कुत्सित पुरुष
|
कदत्र
|
कुत्सित अत्र
|
निलोत्पल
|
नील उत्पल
|
महापुरुष
|
महान पुरुष
|
सन्मार्ग
|
सत् मार्ग
|
पीताम्बर
|
पीत अम्बर
|
परमेश्र्वर
|
परम् ईश्र्वर
|
सज्जन
|
सत् जन
|
महाकाव्य
|
महान् काव्य
|
वीरबाला
|
वीर बाला
|
महात्मा
|
महान् है जो आत्मा
|
महावीर
|
महान् वीर
|
अंधविश्वास
|
अंधा है जो विश्वास
|
अंधकूप
|
अंधा है जो कूप (कुआँ)
|
घनश्याम
|
घन के समान श्याम
|
नीलकंठ
|
नीला है जो कंठ
|
अधपका
|
आधा है जो पका
|
काली मिर्च
|
काली है जो मिर्च
|
दुरात्मा
|
दुर (बुरी) है जो आत्मा
|
नीलाम्बर
|
नीला है जो अंबर
|
अकाल मृत्यु
|
अकाल (असमय) है जो मृत्यु
|
नीलगाय
|
नीली है जो गाय
|
नील गगन
|
नीला है जो गगन
|
परमांनद
|
परम् है जो आनंद
|
महाराजा
|
महान है जो राजा
|
महादेव
|
महान है जो देव
|
शुभागमन
|
शुभ है जो आगमन
|
महाजन
|
महान है जो जन
|
नरसिंह
|
नर रूपी सिंह
|
चंद्रमुख
|
चंद्र के समान मुख
|
क्रोधाग्नि
|
क्रोध रूपी अग्नि
|
श्वेताम्बर
|
श्वेत है जो अम्बर
|
लाल टोपी
|
लाल है जो टोपी
|
सदधर्म
|
सत है जो धर्म
|
महाविद्यालय
|
महान है जो विद्यालय
|
विद्याधन
|
विद्या रूपी धन
|
करकमल
|
कमल के समान कर
|
मृगनयन
|
मृग जैसे नयन
|
खटमिट्ठा
|
खट्टा और मीठा है
|
नरोत्तम
|
नरों में उत्तम हैं जो
|
प्राणप्रिय
|
प्राण के समान प्रिय
|
घनश्याम
|
घन के समान श्याम
|
कमलनयन
|
कमल सरीखा नयन
|
परमांनद
|
परम आनंद
|
चन्द्रमुख
|
चाँद-सा सुन्दर मुख
|
चन्द्रवदन
|
चन्द्र के समान वदन (मुखड़ा)
|
घृतात्र
|
घृत मिश्रित अत्र
|
महाकाव्य
|
महान है काव्य जो
|
धर्मशाला
|
धर्मार्थ के लिए शाला
|
कुसुमकोमल
|
कुसुम के समान कोमल
|
कपोताग्रीवा
|
कपोत के समान ग्रीवा
|
गगनांगन
|
गगन रूपी आंगन
|
चरणकमल
|
कमल के समान चरण
|
तिलपापड़ी
|
तिल से बनी पापड़ी
|
दहीबड़ा
|
दही में भिंगोया बड़ा
|
पकौड़ी
|
पकी हुई बड़ी
|
परमेश्वर
|
परम ईश्वर
|
महाशय
|
महान आशय
|
महारानी
|
महती रानी
|
मृगनयन
|
मृग के समान नयन
|
लौहपुरुष
|
लौह सदृश पुरुष
|
विशेष्यपूर्वपदकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
कुमारश्रवणा
|
कुमारी (क्वांरी)
|
मदनमनोहर
|
मदन जो मनोहर है
|
श्यामसुन्दर
|
श्याम जो सुन्दर है
|
जनकखेतिहर
|
जनक खेतिहर (खेती करनेवाला)
|
विशेषणोभयपदकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
नीलपीत
|
नीला-पीला (दोनों मिले)
|
कृताकृत
|
किया-बेकिया
|
शीतोष्ण
|
शीत-उष्ण (दोनों मिले)
|
कहनी-अनकहनी
|
कहना-न-कहना
|
विशेष्योभयपदकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
आम्रवृक्ष
|
आम्र है जो वृक्ष
|
वायसदम्पति
|
वायस है जो दम्पति
|
उपमानकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
विद्युद्वेग
|
विद्युत के समान वेग
|
शैलोत्रत
|
शैल के समान उत्रत
|
कुसुमकोमल
|
कुसुम के समान कोमल
|
घनश्याम
|
घन-जैसा श्याम
|
लौहपुरुष
|
लोहे के समान पुरुष (कठोर)
|
उपमितकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
चरणकमल
|
चरण कमल के समान
|
मुखचन्द्र
|
मुख चन्द्र के समान
|
अधरपल्लव
|
अधर पल्लव के समान
|
नरसिंह
|
नर सिंह के समान
|
पद पंकज
|
पद पंकज के समान
|
रूपकर्मधारय
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
पुरुषरत्न
|
पुरुष ही है रत्न
|
भाष्याब्धि
|
भाष्य ही है अब्धि
|
मुखचन्द्र
|
मुख ही है चन्द्र
|
पुत्ररत्न
|
पुत्र ही है रत्न
|
अव्ययीभाव समास
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
दिनानुदिन
|
दिन के बाद दिन
|
प्रत्यंग
|
अंग-अंग
|
भरपेट
|
पेट भरकर
|
यथाशक्ति
|
शक्ति के अनुसार
|
निर्भय
|
बिना भय का
|
उपकूल
|
कूल के समीप
|
प्रत्यक्ष
|
अक्षि के सामने
|
निधड़क
|
बिना धड़क के
|
बखूबी
|
खूबी के साथ
|
यथार्थ
|
अर्थ के अनुसार
|
प्रत्येक
|
एक-एक
|
मनमाना
|
मन के अनुसार
|
यथाशीघ्र
|
जितना शीघ्र हो
|
बेकाम
|
बिना काम का
|
बेलाग
|
बिना लाग का
|
आपादमस्तक
|
पाद से मस्तक तक
|
प्रत्युपकार
|
उपकार के प्रति
|
परोक्ष
|
अक्षि के परे
|
बेफायदा
|
बिना फायदे का
|
बेरहम
|
बिना रहम के
|
प्रतिदिन
|
दिन दिन
|
आमरण
|
मरण तक
|
अनुरूप
|
रूप के योग्य
|
यथाक्रम
|
क्रम के अनुसार
|
बेखटके
|
बिना खटके वे (बिन)
|
यथासमय
|
समय के अनुसार
|
आजन्म
|
जन्म से लेकर
|
एकाएक
|
अचानक, अकस्मात
|
दिनोंदिन
|
कुछ (या दिन) ही दिन में
|
यथोचित
|
जितना उचित हो
|
रातोंरात
|
रात-ही-रात में
|
आजीवन
|
जीवन पर्यत/तक
|
गली-गली
|
प्रत्येक गली
|
भरपूर
|
पूरा भरा हुआ
|
यथानियम
|
नियम के अनुसार
|
प्रतिवर्ष
|
वर्ष-वर्ष/हर वर्ष
|
बीचोंबीच
|
बीच ही बीच में
|
आजकल
|
आज और कल
|
यथाविधि
|
विधि के अनुसार
|
यथास्थान
|
स्थान के अनुसार
|
यथासंभव
|
संभावना के अनुसार
|
व्यर्थ
|
बिना अर्थ के
|
रातभर
|
भर रात
|
अनुकूल
|
कुल के अनुसार
|
अनुरूप
|
रूप के ऐसा
|
आसमुद्र
|
समुद्रपर्यन्त
|
पल-पल
|
हर पल
|
बार-बार
|
हर बार
|
द्विगु कर्मधारय (समाहारद्विगु)
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
त्रिभुवन
|
तीन भुवनों का समाहार
|
त्रिकाल
|
तीन कालों का समाहार
|
चवत्री
|
चार आनों का समाहार
|
नवग्रह
|
नौ ग्रहों का समाहार
|
त्रिगुण
|
तीन गुणों का समूह
|
पसेरी
|
पाँच सेरों का समाहार
|
अष्टाध्यायी
|
अष्ट अध्यायों का समाहार
|
त्रिपाद
|
तीन पादों का समाहार
|
पंचवटी
|
पाँच वटों का समाहार
|
त्रिलोक, त्रिलोकी
|
तीन लोकों का समाहार
|
दुअत्री
|
दो आनों का समाहार
|
चौराहा
|
चार राहों का समाहार
|
त्रिफला
|
तीन फलों का समाहार
|
नवरत्न
|
नव रत्नों का समाहार
|
सतसई
|
सात सौ का समाहार
|
पंचपात्र
|
पाँच पात्रों का समाहार
|
चतुर्भुज
|
चार भुजाओं का समूह
|
चारपाई
|
चार पैरों का समाहार
|
तिरंगा
|
तीन रंगों का समाहार
|
अष्टसिद्धि
|
आठ सिद्धियों का समाहार
|
चतुर्मुख
|
चार मुखों का समूह
|
त्रिवेणी
|
तीन वेणियों का समूह
|
नवनिधि
|
नौ निधियों का समाहार
|
चवन्नी
|
चार आनों का समाहार
|
दोपहर
|
दो पहरों का समाहार
|
पंचतंत्र
|
पाँच तंत्रो का समाहार
|
सप्ताह
|
सात दिनों का समूह
|
त्रिनेत्र
|
तीनों नेत्रों का समूह
|
दुराहा
|
दो राहों का समाहार
|
चतुर्वेद
|
चार वेदों का समाहार
|
उत्तरपदप्रधानद्विगु
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
दुपहर
|
दूसरा पहर
|
शतांश
|
शत (सौवाँ) अंश
|
पंचहत्थड़
|
पाँच हत्थड़ (हैण्डिल)
|
पंचप्रमाण
|
पाँच प्रमाण (नाप)
|
दुसूती
|
दो सूतोंवाला
|
दुधारी
|
दो धारोंवाली (तलवार)
|
बहुव्रीहि (समानाधिकरणबहुव्रीहि)
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
प्राप्तोदक
|
प्राप्त है उदक जिसे
|
दत्तभोजन
|
दत्त है भोजन जिसे
|
पीताम्बर
|
पीत है अम्बर जिसका
|
जितेन्द्रिय
|
जीती है इन्द्रियाँ जिसने
|
निर्धन
|
निर्गत है धन जिससे
|
मिठबोला
|
मीठी है बोली जिसकी (वह पुरुष)
|
चौलड़ी
|
चार है लड़ियाँ जिसमें (वह माला)
|
चतुर्भुज
|
चार है भुजाएँ जिसकी
|
दिगम्बर
|
दिक् है अम्बर जिसका
|
सहस्त्रकर
|
सहस्त्र है कर जिसके
|
वज्रदेह
|
वज्र है देह जिसकी
|
लम्बोदर
|
लम्बा है उदर जिसका
|
दशमुख
|
दश है मुख जिसके
|
गोपाल
|
वह जो, गौ का पालन करे
|
सतसई
|
सात सौ का समाहार
|
पंचपात्र
|
पाँच पात्रों का समाहार
|
चतुर्वेद
|
चार वेदों का समाहार
|
त्रिलोचन
|
तीन है लोचन जिसके अर्थात शिव
|
कमलनयन
|
कमल के समान है नयन जिसके अर्थात
विष्णु
|
गिरिधर
|
गिरि (पर्वत) को धारण करने वाला
अर्थात श्री कृष्ण
|
गजानन
|
गज के समान आनन (मुख) वाला अर्थात
गणेश
|
घनश्याम
|
वह जो घन के समान श्याम है अर्थात
श्रीकृष्ण
|
चक्रधर
|
चक्र धारण करने वाला अर्थात विष्णु
|
चतुर्मुख
|
चार है मुख जिसके, वह अर्थात ब्रह्मा
|
नीलकंठ
|
नीला है जो कंठ अर्थात शिव
|
पंचानन
|
पाँच है आनन (मुँह) जिसके अर्थात वह
देवता
|
बारहसिंगा
|
बारह हैं सींग जिसके वह पशु
|
महेश
|
महान है जो ईश अर्थात शिव
|
लाठालाठी
|
लाठी से लड़ाई
|
सरसिज
|
सर से जन्म लेने वाला
|
कपीश
|
कपियों में है ईश जो- हनुमान
|
खगेश
|
खगों का ईश है जो वह गरुड़
|
गोपाल
|
गो का पालन जो करे वह, श्रीकृष्ण
|
चक्रपाणि
|
चक्र हो पाणि (हाथ) में जिसके वह
विष्णु
|
चतुरानन
|
चार है आनन जिनको वह, ब्रह्मा
|
जलज
|
जल में उत्पन्न होता है वह कमल
|
जल्द
|
जल देता है जो वह बादल
|
नीलाम्बर
|
नीला अम्बर या नीला है अम्बर जिसका वह, बलराम
|
मुरलीधर
|
मुरली को धरे रहे (पकड़े रहे) वह, श्रीकृष्ण
|
वज्रायुध
|
वज्र है आयुध जिसका वह, इन्द्र
|
व्यधिकरणबहुव्रीहि
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
शूलपाणि
|
शूल है पाणि में जिसके
|
चन्द्रभाल
|
चन्द्र है भाल पर जिसके
|
वीणापाणि
|
वीणा है पाणि में जिसके
|
चन्द्रवदन
|
चन्द्र है वदन पर जिसके
|
तुल्ययोग या सहबहुव्रीहि
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
सबल
|
बल के साथ है जो
|
सपरिवार
|
परिवार के साथ है जो
|
सदेह
|
देह के साथ है जो
|
सचेत
|
चेत (चेतना) के साथ है जो
|
व्यतिहारबहुव्रीहि
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
मुक्कामुक्की
|
मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई
|
लाठालाठी
|
लाठी-लाठी से जो लड़ाई हुई
|
डण्डाडण्डी
|
डण्डे-डण्डे से जो लड़ाई हुई
|
प्रादिबहुव्रीहि
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
बेरहम
|
नहीं है रहम जिसमें
|
निर्जन
|
नहीं है जन जहाँ
|
द्वन्द्व (इतरेतरद्वन्द्व)
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
धर्माधर्म
|
धर्म और अधर्म
|
भलाबुरा
|
भला और बुरा
|
गौरी-शंकर
|
गौरी और शंकर
|
सीता-राम
|
सीता और राम
|
लेनदेन
|
लेन और देन
|
देवासुर
|
देव और असुर
|
शिव-पार्वती
|
शिव और पार्वती पापपुण्य पाप और
पुण्य
|
भात-दाल
|
भात और दाल
|
देश-विदेश
|
देश और विदेश
|
भाई-बहन
|
भाई और बहन
|
हरि-शंकर
|
हरि और शंकर
|
धनुर्बाण
|
धनुष और बाणा
|
अन्नजल
|
अन्न और जल
|
आटा-दाल
|
आटा और दाल
|
ऊँच-नीच
|
ऊँच और नीच
|
गंगा-यमुना
|
गंगा और यमुना
|
दूध-दही
|
दूध और दही
|
जीवन-मरण
|
जीवन और मरण
|
पति-पत्नी
|
पति और पत्नी
|
बच्चे-बूढ़े
|
बच्चे और बूढ़े
|
माता-पिता
|
माता और पिता
|
राजा-प्रजा
|
राजा और प्रजा
|
राजा-रानी
|
राजा और रानी
|
सुख-दुःख
|
सुख और दुःख
|
अपना-पराया
|
अपना और पराया
|
गुण-दोष
|
गुण और दोष
|
नर-नारी
|
नर और नारी
|
पृथ्वी-आकाश
|
पृथ्वी और आकाश
|
बाप-दादा
|
बाप और दादा
|
यश-अपयश
|
यश और अपयश
|
हार-जीत
|
हार और जीत
|
ऊपर-नीचे
|
ऊपर और नीचे
|
शीतोष्ण
|
शीत और उष्ण
|
इकतीस
|
एक और तीस
|
दम्पति
|
जाया-पति
|
राग-द्वेष
|
राग और द्वेष
|
लाभालाभ
|
लाभ और अलाभ
|
राधा-कृष्ण
|
राधा और कृष्ण
|
लोटा-डोरी
|
लोटा और डोरी
|
गाड़ी-घोड़ा
|
गाड़ी और घोड़ा
|
समाहारद्वन्द्व
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
रुपया-पैसा
|
रुपया-पैसा वगैरह
|
घर-आँगन
|
घर-आँगन वगैरह (परिवार)
|
घर-द्वार
|
घर-द्वार वगैरह (परिवार)
|
नाक-कान
|
नाक-कान वगैरह
|
नहाया-धोया
|
नहाया और धोया आदि
|
कपड़ा-लत्ता
|
कपड़ा-लत्ता वगैरह
|
वैकल्पिकद्वन्द्व
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
पाप-पुण्य
|
पाप या पुण्य
|
भला-बुरा
|
भला या बुरा
|
लाभालाभ
|
लाभ या अलाभ
|
धर्माधर्म
|
धर्म या अधर्म
|
थोड़ा-बहुत
|
थोड़ा या बहुत
|
ठण्डा-गरम
|
ठण्डा या गरम
|
नञ समास
पद
|
विग्रह
|
पद
|
विग्रह
|
अनाचार
|
न आचार
|
नास्तिक
|
न आस्तिक
|
अनदेखा
|
न देखा हुआ
|
अनुचित
|
न उचित
|
अन्याय
|
न न्याय
|
अज्ञान
|
न ज्ञान
|
अनभिज्ञ
|
न अभिज्ञ
|
अद्वितीय
|
जिसके समान दूसरा न हो
|
नालायक
|
नहीं लायक
|
अगोचर
|
न गोचर
|
अचल
|
न चल
|
अजन्मा
|
न जन्मा
|
अधर्म
|
न धर्म
|
अनन्त
|
न अन्त
|
अनेक
|
न एक
|
अनपढ़
|
न पढ़
|
अपवित्र
|
न पवित्र
|
अलौकिक
|
न लौकिक
|
No comments:
Post a Comment